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कहानियों से भरी सड़कें

  • connect2783
  • Feb 2, 2024
  • 3 min read

Updated: Jul 17

बटाला में बस टूर, पलक्कड़ में पुरानी राहों का सफर, और बाराबंकी के भूले-बिसरे कोठियों और कॉलोनियल गलियों की कहानी सुनाने वाले — ये हेरिटेज वॉक भारत के छोटे शहरों को फिर से जानने का रास्ता दिखा रहे हैं। अपने अतीत से जुड़कर ये वॉक शहरों में नागरिक गर्व और सांस्कृतिक यादों को जागृत कर रहे हैं। लेकिन क्या सच में ये पैदल यात्राएं शहरों को उनकी असल पहचान याद दिला सकती हैं? और जब शहरी क्षरण, नीतिगत कमी और धुंधली होती हुई इतिहास की कहानी हो, तो इस चलन को कैसे बनाए रखा जा सकता है?


Source: Goa Handpicked
Source: Goa Handpicked

साल 2023 में गोआ हेरिटेज एक्शन ग्रुप वॉक फेस्ट में मापुसा, बिचोलिम, पंजिम, ओल्ड गोआ और कई दूसरे जगहों पर 30 से ज्यादा गाइडेड वॉक शामिल हुए। इन वॉक क्यूरेटर ने "पासोइकर" (पासोइ एक कोंकणी शब्द है जिसका अर्थ होता है आराम से टहलना) की देख-रेख में गोआ की कई प्राकृतिक, सांस्कृतिक और स्थापत्य धरोहर के बारे में लोगों को जागरूक किया। हालिया दिनों में देश भर के छोटे शहरों में भी धरोहर भ्रमण (हेरिटेज टूर) ने लोकप्रियता हासिल की है और इस वजह से पर्यटक, स्थानीय लोग और पर्यटकों को सांस्कृतिक इतिहास से रूबरू होने का एक बेहतर मौका मिला है।


“पासोइकार” (कोंकणी भाषा के “पासोइ” से प्रेरित, जिसका मतलब होता है आराम से चलना) के नेतृत्व में ये वॉक क्यूरेटर गोवा की प्राकृतिक, सांस्कृतिक और स्थापत्य विरासत के प्रति जागरूकता फैला रहे हैं।

पंजाब में स्थानीय लोगों के समूह और जिला प्रशासन की मदद से बटाला (स्थापना 1465) में साप्ताहिक हेरिटेज बस सेवा की शुरुआत की गई है जिससे लोगों को धरोहरों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इंटरग्लोब फाउंडेशन और इंडिगोरिच ने एक साथ मिलकर 'माय सिटी, माय हेरिटेज' नामक अभियान की मदद से कई शहरों में हेरिटेज वॉक की शुरआत की जिनमें प्रयागराज, भुवनेश्वर, नासिक, हैदराबाद और इंदौर शामिल है।

इस बीच पलक्कड़ में भारतीय राष्ट्रीय कला एवं सांस्कृतिक विरासत ट्रस्ट (इनटैक) ने नीला वीविंग टूर का आयोजन किया जिसके तहत स्थानीय लोगों को धरोहरों से जुड़ी बातचीत में शामिल होने का अवसर मिला।

Batala Heritage Tour. Source: Punjab News Express
Batala Heritage Tour. Source: Punjab News Express

INTACH Heritage Walk: Mangalore Chapter. Source: The Hindu
INTACH Heritage Walk: Mangalore Chapter. Source: The Hindu

मारूफ उमर जैसे व्यक्ति शहर की विरासत को बढ़ाने के लिए मुख्यधारा से परे ऐतिहासिक स्थलों जैसे कि बाराबंकी की कोठियों की देखरेख कर प्रशंसा के पात्र बने हुए हैं। देहरादून के विरासत संरक्षक लोकेश ओहरी भी लगभग एक दशक से 'बीन देयर दून डैट' के तहत सामूहिक सैर के माध्यम से धरोहर और पर्यावरण संरक्षण के बारे में लोगों को जागरूक कर रहे हैं।


भरूच पर किए गए एक अध्ययन में हेरिटिज संपत्तियों के प्रबंधन में कमी, खराब सड़क स्थिति और प्रदूषण को हेरिटेज वॉक के लिए बड़ी बाधाएं बताया गया।

हेरिटेज ग्रसित (प्रभावित) समित (द हेरिटेज अफेक्टेड कमिटी) की हेरिटेज वॉक ने शनिवार वाड़ा, पुणे के आसपास रहने वाले निवासियों की अनिश्चित जीवन स्थितियों को उजागर किया। वे घरों के नवीनीकरण में स्थानीय लोगों की सहायता करने के लिए विरासत संरक्षण अधिनियम में संशोधन करने की बात करते हैं। गुजरात के शहर भरूच पर हुए अध्ययन में यह बात सामने आई कि धरोहरों का अपर्याप्त रखरखाव, सड़कों की जर्जर स्थिति और प्रदूषण आदि कारण हेरिटेज वॉक को बाधित करते हैं। इस अध्ययन ने हितधारकों को शामिल करके, सूचनाओं को डिजिटल बनाकर और ई-टिकट की मदद से पर्यटन और सैर को सुव्यवस्थित बनाने का सुझाव दिया।


पुराने शहरों और वहाँ के स्थानीय लोगों की सामूहिक स्मृति की सुरक्षा के लिए इस तरह के प्रयास बहुत महत्वपूर्ण हैं। धरोहर भ्रमण करने से शहर की ऐतिहासिक धरोहरों और लोगों के बीच के गहरे संबंध को बढ़ावा मिलता है।


क्या आप अपने शहर में कभी हेरिटेज वॉक पर गए हैं? इस तरह की धरोहर यात्रा में आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?



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