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घर वहीं हैं, जहाँ इतिहास बसा हो
मौसम की मार झेलती दीवारें, घटता हुआ बजट और बदलती हुई शहर की तस्वीर — भारत के विरासत घर शहरी आधुनिकता के दबाव में हैं। कुछ घर डिजिटल आर्काइव, पर्यटन और होमस्टे के माध्यम से अपनी पहचान बनाए रख रहे हैं, तो कुछ पूरी तरह से व्यावसायीकरण का विरोध कर रहे हैं। निजी जिम्मेदारी और सार्वजनिक स्मृति के बीच फंसे ये घर एक अहम सवाल उठाते हैं: जब अतीत से आमदनी न हो, तो उनकी बचत की जिम्मेदारी असल में किसकी होती है?
Jan 10, 20243 min read
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