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हम पटना शहर से आते हैं

  • connect2783
  • Aug 15, 2022
  • 2 min read

Updated: Jul 15

सुनहरे सपनों और संकल्पों के कैनवास पर उतरी सौम्या की यह कविता शहर की स्वर्ण गाथा बयां करती है। कौटिल्य की अर्थनीति से लेकर गंगा की लहरों तक ये रचना शहर के वर्तमान और भविष्य को एक धागे में पिरोती है। सौम्या की कलम अतीत की मिट्टी से भविष्य का एक ऐसा दीपक गढ़ती है, जो भावी पीढ़ी के लिए उम्मीद की लौ बनकर चमकता है। नारी सुरक्षा की गुहार और पर्यावरण संरक्षण की पुकार लिए यह कविता कितनी कारगर साबित होगी?


हम पटना शहर से आते हैं,

इतिहास गवाह है शौर्य का,

कौटिल्य के अर्थशास्त्र का,

गर्व चंद्रगुप्त मौर्य का,


पूरब गुरु गोविंद सिंह जी का ज्ञान है,

तो पश्चिम पाटलिपुत्र की शान है।

उत्तर गंगा का सुकून है,

तो दक्षिण तरक्की का जुनून है।


नित नया इतिहास गढ़ते हैं,

लक्ष्य आसमां ही सही बस चलते हैं।

बदलती राह का प्रतिबिंब हैं,

हम युवा हैं, शहर का स्तंभ हैं।


हम चंचल मन,

हम ताजे उपवन,

हम बागडोर के फीते हैं,

हम नए सिरे से जीते हैं।


लक्ष्य हमारा सतत विकास का,

भूत से भविष्य के प्रयास का,

हम में अपनेपन का अहसास है,

मैं से हम होना ही खास है।


बात हो गर नेतृत्व की,

जो विश्व पटल पर पटना को लाए।

हम युवा ही बेहतर होंगे,

क्रांति की मशाल जो बन छाए।


खामियां बेहतर हम जानते हैं,

बारीक गलतियों को पहचानते हैं।

क्या कमी रही होगी कल तक,

उसे अपनी कमी ही मानते हैं।


हम युवा सूत्रधार हैं,

अपने शहर का मूलाधार हैं।

नित्य नए प्रतीत तकनीक से,

सुगम विकास का रफ्तार हैं।


कहीं जाम लगी हो गाड़ी की,

कहीं सवाल सुरक्षा नारी की,

कहीं कूड़े का अंबार पड़ा है,

कहीं कोई काम बिना बेगार पड़ा है।


पर्यावरण के बचाव की हो,

कचड़ा प्रबंधन या जलजमाव की हो,

चाहे बात हो स्वच्छता की या,

लोगों की नई मानसिकता की,


हम युवा हैं,

हम कुशल हैं।

हम पहली सीढ़ी, 

हम ही मंजिल हैं।


शिक्षा, स्वास्थ्य का ख्याल रखेंगे,

समानता का प्रवाह होगा।

हर एक मोड़ पर हम मिलेंगे,

अपनापन का भाव होगा।


नए-नए वृक्षारोपण होंगे,

पर्यावरण का अब न दोहन होगा। ,

उमस भरी दिनों से राहत होगी,

दोबारा शहर आने की चाहत होगी।


ट्रैफिक चाक चौबंद मिलेंगे,

हम समय के पाबंद मिलेंगे।

जलजमाव का निदान होगा,

पटना हमारा दिलों जान होगा।


विकास गोलघर की ऊंचाई-सा होगा,

अपनत्व ठेकुआ मिठाई-सा होगा।

हम जल्द ही गिने जाएंगे,

उत्तम शहरों में चुने जाएंगे।


महिला सुरक्षा में दुरुस्त होंगे,

शांति व्यवस्था में चुस्त होंगे।

हम जागरूकता का पाठ होंगे,

विश्व पटल पर हमारे ठाठ होंगे।


सीसीटीवी का प्रावधान होगा,

कचड़ा प्रबंधन का साधन होगा।

सजीव पटना का आबो-हवा होगा,

दिल और जान बस युवा होगा।


जलजमाव का निदान होगा,

नाले-फ्लाईओवर का निर्माण होगा।

बदलते रास्तों के  अनूठे  मोड़ होंगे,

हम पटना शिक्षा में बेजोड़ होंगे।


चाहे विघ्न बाधा आएंगे,

हम पटना बस मुस्कुराएंगे।

उम्मीद से आगे बढ़ जाएंगे,

इतिहास से वर्तमान गढ़ जाएंगे।


हम युवा उम्मीद की झांकी है,

थोड़े ही हुए, बहुत काम अभी बाकी है।

बदलाव के रास्तों का मोड़ होगा,

हमारा पटना बेजोड़ होगा।।



About the Author

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Saumya

Saumya hails from Muzaffarpur and is currently pursuing a B.A. LL.B. at the Central University of South Bihar. Presently a resident of Patna, Saumya is passionate about law and justice, and aspires to serve in the judicial system in the near future.


 
 
 

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